भारत का चाँद ~अरशफा
कभी सोने की चिड़िया था आज हीरे की खान है, रोके ना रुका झुकाए ना झुका, ये भारत का समय है मुट्ठी में इस की…
कभी सोने की चिड़िया था आज हीरे की खान है, रोके ना रुका झुकाए ना झुका, ये भारत का समय है मुट्ठी में इस की…
कंठ = गला नेत्रों = आँखों अश्रु = आँसू अभिव्यक्ति = प्रकट करना, प्रकाशन
मैं बहुत देर तक यूँ ही चलती रही। रात की खामोशी का शोर सुना, दिन की भीड़ में मैं तन्हा हुई, मैं बहुत देर तक…
सर्द मौसम में मुझे दो चीज़ों की तलाश रहती है; गुनगुनाती हसीन धूप और माँ के हाथ की बनी लजी़ज़ पिन्नी। जिस दिन ये दोनों…
दिल, तू कितनी बार टूटेगा ?! हर मोड़ पे अटक तू जाता है, हर बात पे चटक तू जाता है, मुझे और भी कई काम…
Once, I saw her smiling, since then, I never went sad! ~Poonam {Pic: Self-portrait}
उफ़्फ़ ! ये रात की बारिश और सुबह की मुस्कान ! ~अरशफा {Photo clicked at the backyard}
हर चीज़ को बदलना ज़रूरी नहीं था, सब कुछ नया करना ज़रूरी नहीं था। * खत लिखते थे लोग तो लफ़्ज़ों में लज़्ज़त होती थी,…
ज़िंदगी अब कुछ और दिखा रंज, सितम, घुटन ये बहुत हुआ, कुछ नया सोच, कुछ बड़ा बना ऐ ज़िंदगी, कुछ और दिखा । क्या हुआ…