इक हसीन गुलाब 🌹 ~अरशफा
🌹कुछ फूलों का मौसम होता है, और कुछ फूल अपना मौसम खुद बना लेते हैं। गुलाब तो अक्सर खिलते हैं लेकिन, वो इक गुलाब सब…
🌹कुछ फूलों का मौसम होता है, और कुछ फूल अपना मौसम खुद बना लेते हैं। गुलाब तो अक्सर खिलते हैं लेकिन, वो इक गुलाब सब…
हम क्यूँ चलते रहते हैं ?कहीं थम क्यूँ नहीं जाते ?तपती हवा की मानिंद बस बहते रहते हैं।वक़्त की कमी हर वक़्त क्यूँ बनी रहती…
सब कुछ कहने के बाद भी, कहने को कुछ रह ही जाता है। कितना कुछ सुनती हूँ, पर जो सुनना चाहती हूँ वो कह नहीं…
हर लम्हा, हर बात को कह कर बताना लाज़िम नहीं होता। हर वक़्त बोलने से ज़ुबान का वज़न कुछ कम सा हो जाता है। बाज़…
मोम तो रही नहीं पत्थर भी ना बन सकी, पहले सी ताज़ा नहीं पुरानी नहीं हुई अभी, सब से जुदा थी सो, सब से जुदा…
कभी-कभी जो बादल से बरसता है वो सिर्फ़ पानी नहीं होता,इश्क़ सिर्फ़ इश्क़ होता है,अल्फ़ाज़ बता सकें ऐसा ज़ुबानी नहीं होता। कभी-कभी जो आँख से…
ये बात बड़ी अजीब है कि जब कोई किसी की नज़रों से गिरता है तब चोट गिरने वाले को नहीं लगती। झटका देखने वाले को…
कभी सोने की चिड़िया था आज हीरे की खान है, रोके ना रुका झुकाए ना झुका, ये भारत का समय है मुट्ठी में इस की…
कंठ = गला नेत्रों = आँखों अश्रु = आँसू अभिव्यक्ति = प्रकट करना, प्रकाशन
मैं बहुत देर तक यूँ ही चलती रही। रात की खामोशी का शोर सुना, दिन की भीड़ में मैं तन्हा हुई, मैं बहुत देर तक…