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कुछ ईंटों के जवाब

पत्थरों में छिपे होते हैं ,

कुछ चाहतों के जवाब

फूलों में छिपे होते हैं ।

तुम गुलशन में जाओ तो

हसीन कलियाँ ही चुनना,

संग-ओ-खिश्त फना करना,

बस महक की सुनना ।

वो हँसी में टाल देगा,

तेरे सवालों को, शायद,

तुम उलझ ना जाना इन अदाओं में,

कुछ बातों के जवाब

आँखों मे छिपे होते हैं,

कुछ चाहतों के जवाब

फूलों में छिपे होते हैं । ~अरशफा

संग-ओ-खिश्त = ईंट पत्थर

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6 thoughts on ““जवाब” ~अरशफा

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