शायरी “राह देख रही हूँ” ~अरशफा Poonam March 6, 2021 2 Comments Share to Spread Love चाँद तारों को तोड़ना नहीं बस सूरज की राह देख रही हूँ, ख्वाब बहोत सजा लिए ताबीर होने की राह देख रही हूँ, गुफ्तगू में पड़ना नहीं कुछ कर गुज़रने की राह देख रही हूँ, मैं खड़ी हूँ अपने सामने और, खुद के आने की राह देख रही हूँ। ~अरशफा 49
Beautiful piece 🙂
Thanks 😊