Share to Spread Love
गुमशुदा से हो गए हैं
कोई तो ढूँढ ले हमें,
ऐसा हसीन नाम दे
जो कर मशहूर दे हमें ।
*
रातों को उठ-उठ कर
चाँद देखने वाले,
आफ़ताब में रौशनी
कभी दिखी नहीं तुम्हें ।
*
कभी जज़्बात तंग थे
कभी अल्फ़ाज़ नाकाफ़ी,
हर लम्हा, हर कहीं
बस कमी दिखी तुम्हें ।
*
गुमशुदा से हो गए हैं
कोई तो ढूँढ ले हमें,
ऐसा हसीन नाम दे
जो कर मशहूर दे हमें । ~अरशफा
आफ़ताब = सूरज
जज़्बात = भावना
अल्फ़ाज़ = शब्द
Wah wah 👌
शुक्रिया 🙏🏻
इतनी गहराई। मैं आपके लेखन की सराहना करती हूं, आप सुंदर लिखती हैं महोदया 🙏
ज़र्रा-नवाज़ी का शुक्रिया 🙏🏻