Share to Spread Love
सूरज के उगने से ले कर
सूरज के डूबने तक का,
पूरा नज़ारा होना चाहिए
घर ऐसा होना चाहिए।
🏡
जहाँ परिंदे दिनभर गीत सुनाऐं,
हवा ज़ुल्फों से खेले, रूखसार सहलाऐ।
बरसात में बादल आब-ए-हयात बरसाएँ,
और गीली मिट्टी की खुशबू का
इत्र बन जाना चाहिए,
घर ऐसा होना चाहिए।
🏡
जहाँ पतझड़ हो या सावन,
हर मौसम,
सारी रस्में निभाए।
फूल खिलें तो रूह महक जाए,
और सूखे पत्तों की खट-खट
दिल पर दस्तक देनी चाहिए,
घर ऐसा होना चाहिए।
🏡
जहाँ सर्दी में रिश्तों की गर्माहट हो,
और गर्मी में हँसी-ठिठोली की ठण्ड पड़े।
जब आएँ तो जाएँ नहीं,
खुशियां ज़िद्दी मेहमान बनें।
अपनों से दूरी कभी ना हो
और खुदा अज़ीज़ बन जाना चाहिए,
घर ऐसा होना चाहिए। ~अरशफा
रूखसार = गाल
आब-ए-हयात = अमृत
Wah kya baat hai 👌
शुक्रिया🙏🏻
Awesome
Thanks a lot!
Kaya baat hai Beautiful
तारीफ का शुक्रिया !
So beautiful! I could visualise my dream home😊
Thank You for such a sweet compliment! 😊